रक्त (क्रोमोप्रोटीन) भाग - ०१

अपने प्रवाह के दौरान रक्त, हमारे शरीर की करोड़ों कोशिकाओं तक विभिन्न आवश्यक तत्व, जो हमें भोजन से प्राप्त होते हैं, पहुंचाता है । साथ ही शरीर के अवशिष्ट पदार्थों एवं मृत कोशिकाओं को हटाता है।
  • रक्त हमारे शरीर के सभी अंगों तक ऊष्मा का संचरण भी करता है, जो हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार के संक्रमण से बचाती हैं । 
  • रक्त मूल रूप से एक पीले रंग  के पदार्थ प्लाज्मा से बना होता है । जिस में लाल रक्त कणिकाएं प्रवाहित होते हैं।  इनका प्रमुख कार्य हमारे फेफड़ों से ऑक्सीजन ग्रहण करके शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचाना है ।
  • रक्त में सम्मिलित श्वेत रक्त कणिकाएं हमारे शरीर को प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती हैं।
  • रक्त का एक अवयव बिंबाणु / प्लेटलेट्स भी होता है। जिसका कार्य हवा के संपर्क में आने पर रक्त का थक्का जमाना होता है। जिससे चोट लगने पर रक्त की ज्यादा हानि नहीं होने पाती। 
  • रक्त को एक समान गति से शरीर में प्रवाहित करने का कार्य हृदय दो नलिकाओं धमनी एवं शिरा की सहायता से किया जाता है । 
  • धमनी ऑक्सीजन युक्त रक्त को हृदय से शरीर के अन्य भागों तक तथा शिरा  ऑक्सीजन रहित रक्त को शरीर के अन्य भागों से हृदय तक लाती है |
  • इनके साथ ही सूक्ष्म केशिकाएं  (capillaries) धमनी एवं शिरा को आपस में जोड़ने का कार्य करते हैं ।

 रक्त के बारे में कुछ रोचक तथ्य

  • मानव शरीर में औसतन 5.5 लीटर रक्त होता है।
  • ऑक्सीजन युक्त रक्त का रंग लाल एवं ऑक्सीजन रहित रक्त का रंग गहरा बैंगनी होता है। 
  • रक्त का 55% हिस्सा प्लाज्मा तथा शेष 45% हिस्सा रक्त कोशिकाएं होती हैं। 
  • एक बूंद रक्त में लगभग 250 मिलियन लाल रक्त कणिकाएं तथा 3,75,000 श्वेत रक्त कणिकाएं एवं 16 मिलियन प्लेटलेट्स होती हैं। 
  • प्लाज्मा में 90% जल तथा शेष भाग में विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट पदार्थ, भोज्य पदार्थ एवं हार्मोन शादी समाहित होते हैं। 
  • श्वेत रक्त कोशिकाओं में न्यूट्रोफिल्स एवं मैक्रोफेजेस नाम के कणों का भक्षण करते हैं तथा लिंफोसाइट विभिन्न प्रकार के रसायन जिन्हें  एंटीबॉडीज कहते हैं का स्राव करके जीवाणुओं को अशक्त बनाते हैं। 
  • यदि एक व्यक्ति की समस्त रक्त वाहिकाओं को बाहर निकाल कर फैलाया जाए तो उन्हें पृथ्वी पर दो बार लपेटा जा सकता है, इसमें 98% हिस्सा सूक्ष्म रक्त  केशिकाओं  अर्थात capillaries का होगा।  
  • एक रक्त   केशिका हमारे बाल के दसवें हिस्से के बराबर होती है। 
  •  सामान्यतः प्रति सेकंड 2 मिलियन लाल रक्त कणिकाएं हमारी अस्थि मज्जा में निर्मित होती हैं। 
  • एक लाल रक्त कणिका अपने 120 दिन के जीवन काल में लगभग 1,70,000 बार हमारे शरीर में प्रवाहित होती है, उसके बाद प्लीहा एवं लीवर के द्वारा  इसका भक्षण कर लिया जाता है। 
  •  एक लाल रक्त कणिका में लगभग 250 मिलियन हीमोग्लोबिन के कण होते हैं तथा एक हीमोग्लोबिन का कण कुल 4 ऑक्सीजन के कणों  का वहन करता है। 
  • रक्त को कुल 4 समूह ए, बी, एबी, तथा ओ में बांटा गया है। 
  •  विश्व भर में 112.5 मिलियन यूनिट रक्त का दान वर्ष भर में किया जाता है। 
  •  रक्त के अध्ययन को हिमेटोलॉजी  कहते हैं। 
  • रक्त का पीएच मान 7.35 से 7.45 के मध्य होता है। 
  • रक्तदाब  का सामान्य  माप पारे के दाब का 80 से 120  मिलीमीटर  होता है । 
  • स्फिगनोमीटर के द्वारा  कार्ल लुडविक ने सर्वप्रथम रक्त दाब को मापा था
क्रमशः........

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