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Showing posts from September, 2017

सौर मंडल

सौरमंडल के ग्रह और उनके महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची सौरमंडल के ग्रह और उनके महत्वपूर्ण तथ्य: (Solar System Planets and Interesting GK Facts in Hindi) सौरमंडल में सूर्य और वह खगोलीय पिंड सम्मलित हैं, जो इस मंडल में एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बंधे हैं। किसी तारे के इर्द गिर्द परिक्रमा करते हुई उन खगोलीय वस्तुओं के समूह को ग्रहीय मण्डल कहा जाता है जो अन्य तारे न हों, जैसे की ग्रह, बौने ग्रह, प्राकृतिक उपग्रह, क्षुद्रग्रह, उल्का, धूमकेतु और खगोलीय धूल। हमारे सूरज और उसके ग्रहीय मण्डल को मिलाकर हमारा सौर मण्डल बनता है। इन पिंडों में आठ ग्रह, उनके 166 ज्ञात उपग्रह, पाँच बौने ग्रह और अरबों छोटे पिंड शामिल हैं। इन छोटे पिंडों में क्षुद्रग्रह, बर्फ़ीला काइपर घेरा के पिंड, धूमकेतु, उल्कायें और ग्रहों के बीच की धूल शामिल हैं। सौर मंडल के चार छोटे आंतरिक ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल ग्रह जिन्हें स्थलीय ग्रह कहा जाता है, मुख्यतया पत्थर और धातु से बने हैं। और इसमें क्षुद्रग्रह घेरा, चार विशाल गैस से बने बाहरी गैस दानव ग्रह, काइपर घेरा और बिखरा चक्र शामिल हैं। काल्पनिक और्ट बादल भ

भारतीय कृषि

भारत में कृषि का महत्व, इतिहास, प्रमुख फसलें एवं विशेषतायें: (Importance of Agriculture in India, History, Major Crops and Characteristics) भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व: फसल या सस्य किसी समय-चक्र के अनुसार वनस्पतियों या वृक्षों पर मानवों व पालतू पशुओं के उपभोग के लिए उगाकर काटी या तोड़ी जाने वाली पैदावार को कहते हैं। जब से कृषि का आविष्कार हुआ है बहुत से मानवों के जीवनक्रम में फ़सलों का बड़ा महत्व रहा है। कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रयासों से कृषि को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में गरिमापूर्ण दर्जा मिला है। कृषि क्षेत्रों में लगभग 64% श्रमिकों को रोज़गार मिला हुआ है। 1950-51 में कुल घरेलू उत्पाद में कृषि का हिस्सा 59.2% था जो घटकर 1982-83 में 36.4% और 1990-91 में 34.9% तथा 2001-2002 में 25% रह गया। यह 2006-07 की अवधि के दौरान औसत आधार पर घटकर 18.5% रह गया। उत्तर भारत, पाकिस्तान व नेपाल में रबी की फ़सल और ख़रीफ़ की फ़सल दो बड़ी घटनाएँ हैं जो बड़ी हद तक इन क्षेत्रों के ग्रामीण जीवन को निर्ध

भारत के प्रमुख बाँध

भारत के सबसे बड़े बांधो के नाम और उनका राज्य: (List of Largest Dams of India in Hindi) उत्तराखंड में भारत का सबसे ऊंचा और विशाल टिहरी बांध है।  टिहरी बांध एशिया का दूसरा सबसे ऊँचा बांध और दुनिया में आठवाँ सबसे ऊँचा बांध है । यह बांध 857 फीट (260.5 मीटर) ऊंचाई का है, जबकि इसकी लंबाई 575 मीटर है। इससे 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।  सरदार सरोवर बांध भारत का सबसे बड़ा और दूुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है।   गुजरात में वडोदरा जिले के दभोई में स्थित सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 138.68 मीटर और लंबाई 1210 मीटर है।  दुनिया के सबसे लंबे बांधों में से एक  हीराकुंड बांध  ओडिशा  के संबलपुर में है । महानदी पर बने इस बांध की लंबाई 26 किलोमीटर है, जो देश का सबसे लंबा और दुनिया के लंबे बांधों में से एक है। 1956 में बने इस बांध से सिंचाई की जरूरतों को काफी बेहतर तरीके से पूरा किया जाता रहा है। आधुनिक तकनीक से बना नागार्जुन सागर बांध अपनी मजबूती के साथ-साथ अपनी भव्य बनावट और खूबसूरती के लिए भी प्रसिद्ध है।  आंध्र प्रदेश  के नलगोंडा जिले में  कृष्णा नदी  पर बना यह बांध आंध्र प्रदेश के लिए सिंचाई क

भारतीय कृषि

भारत में कृषि का महत्व, इतिहास, प्रमुख फसलें एवं विशेषतायें: (Importance of Agriculture in India, History, Major Crops and Characteristics) भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व: फसल या सस्य किसी समय-चक्र के अनुसार वनस्पतियों या वृक्षों पर मानवों व पालतू पशुओं के उपभोग के लिए उगाकर काटी या तोड़ी जाने वाली पैदावार को कहते हैं। जब से कृषि का आविष्कार हुआ है बहुत से मानवों के जीवनक्रम में फ़सलों का बड़ा महत्व रहा है। कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रयासों से कृषि को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में गरिमापूर्ण दर्जा मिला है। कृषि क्षेत्रों में लगभग 64% श्रमिकों को रोज़गार मिला हुआ है। 1950-51 में कुल घरेलू उत्पाद में कृषि का हिस्सा 59.2% था जो घटकर 1982-83 में 36.4% और 1990-91 में 34.9% तथा 2001-2002 में 25% रह गया। यह 2006-07 की अवधि के दौरान औसत आधार पर घटकर 18.5% रह गया। उत्तर भारत, पाकिस्तान व नेपाल में रबी की फ़सल और ख़रीफ़ की फ़सल दो बड़ी घटनाएँ हैं जो बड़ी हद तक इन क्षेत्रों के ग्रामीण जीवन को निर्ध